हर साल सावन आते ही भक्तों के दिल में शिव भक्ति की लहर दौड़ जाती है। पूरा महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। व्रत, पूजा, जलाभिषेक और शिव नाम का जाप यही सब इस पवित्र महीने की पहचान है। साल 2025 में श्रावण मास कब से शुरू हो रहा है? सावन सोमवार का व्रत कैसे रखें? कौन-कौन से नियम मानें और क्या सावधानी रखें? अगर आपके मन में भी यही सवाल हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।
इस लेख में हम आपको बताएँगे: श्रावण मास 2025 की तिथियाँ सावन सोमवार व्रत की आसान विधि शिव पूजा का सही तरीकाऔर वो बातें जो हर शिवभक्त को इस महीने में ज़रूर जाननी चाहिए। तो चलिए, शुरू करते हैं श्रावण मास 2025 की सम्पूर्ण जानकारी बोलचाल की आसान भाषा में, बिल्कुल आपके अपने अंदाज़ में।
2025 में कब शुरू हो रहा है श्रावण महीना?
भाइयों और बहनों, श्रावण मास यानी भगवान शिव की भक्ति का सबसे पवित्र समय। हर साल सावन में शिवजी की आराधना का विशेष महत्व होता है। इस बार 2025 में यह पावन महीना:- उत्तर भारत में शुरू होगा 11 जुलाई 2025 से और चलेगा 10 अगस्त 2025 तक।
- महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में शुरू होगा 27 जुलाई 2025 से और चलेगा 25 अगस्त 2025 तक।
यानि जहाँ रहते हैं, वहाँ के पंचांग के हिसाब से तिथि देखिए, और पूरी श्रद्धा से तैयार हो जाइए शिव भक्ति के लिए।
क्यों खास है सावन?
कहते हैं, इस मास में खुद भगवान शिव धरती पर आते हैं।
जो भी सच्चे मन से शिव जी का व्रत रखता है, उसके सारे दुःख दूर हो जाते हैं।
जो भी सच्चे मन से शिव जी का व्रत रखता है, उसके सारे दुःख दूर हो जाते हैं।
- शादी में अड़चन हो, तो सावन सोमवार का व्रत ज़रूर करें।
- बीमारियाँ या ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें, और देखिए चमत्कार!
कैसे करें सावन सोमवार का व्रत?
बहुत आसान है भाई/बहन! बस ये स्टेप्स अपनाइए:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- घर में या मंदिर में शिवलिंग को जल, दूध, दही और शहद से स्नान कराएँ।
- बेलपत्र, अक्षत, भस्म, फल फूल चढ़ाएँ।
- “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ त्र्यंबकं यजामहे” महामंत्र का जाप करें।
- दिनभर फलाहार करें और शाम को आरती करें।
अगर कोई कथा सुननी हो तो “श्रावण सोमवार व्रत कथा” ज़रूर पढ़ें या सुनें।
क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
करें:- प्रतिदिन शिव जी को जल चढ़ाएँ
- सात्विक भोजन करें
- किसी जरूरतमंद को मदद दें
- क्रोध न करें, मीठा बोलें
- मांस-मदिरा से दूर रहें
- झूठ, गाली-गलौज न करें
- बेवजह किसी को दुःख न पहुँचाएँ
श्रावण की कहानी – शिव ने क्यों पिया ज़हर?
एक बार देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया।जब मंथन से कालकूट विष निकला, तो उसे कोई नहीं पी पाया।
तब भगवान शिव ने संसार की भलाई के लिए वह विष पी लिया।
इससे उनका कंठ नीला हो गया और नाम पड़ा नीलकंठ।
इसी कारण सावन में शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है।
कांवड़ यात्रा – शिवभक्तों की आस्था की मिसाल
श्रावण में शिवभक्त दूर-दूर से गंगाजल लेकर पैदल चलते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहते हैं। हरिद्वार, देवघर जैसे स्थानों पर लाखों लोग हर साल यह यात्रा करते हैं।
आखिर में
सावन सिर्फ पूजा का नहीं, आत्मशुद्धि का भी महीना है। शिव जी सिर्फ भक्ति देखते हैं, भव्यता नहीं।
तो बस सच्चे मन से जप कीजिए, व्रत कीजिए, और देखिए आपके जीवन में कैसे शिव कृपा बरसती है।
तो बस सच्चे मन से जप कीजिए, व्रत कीजिए, और देखिए आपके जीवन में कैसे शिव कृपा बरसती है।
श्रावण महीना 2025: शिव जी की पूजा का सबसे खास समय
Reviewed by Rushikesh tech
on
7/26/2025
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